Allu Arjun ने पुष्पा 2: द रूल में धमाकेदार वापसी की है, जिसमें दमदार अभिनय ने इस फ्रैंचाइज़ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। यह सीक्वल एक्शन, ड्रामा और इमोशन का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो प्रशंसकों को अपनी सीटों से बांधे रखता है। यह जानने के लिए आगे पढ़ें कि यह फिल्म सभी सिनेमा प्रेमियों के लिए क्यों ज़रूरी है!
Pushpa 2: The Rule रिव्यू – 3 साल बाद Allu Arjun की ब्लॉकबस्टर वापसी
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तीन साल के इंतजार के बाद, Allu Arjun बहुप्रतीक्षित पुष्पा: द राइज़ के सीक्वल के साथ वापस आ गए हैं। पुष्पा 2: द रूल शीर्षक और सुकुमार द्वारा निर्देशित, यह एक्शन से भरपूर इमोशनल ड्रामा आसमान छूती उम्मीदों के साथ आ रहा है। प्रशंसक बेजोड़ उत्साह के साथ इसकी रिलीज़ का जश्न मना रहे हैं। क्या फिल्म प्रचार के मुताबिक है? जानने के लिए हमारी समीक्षा पढ़ें!
कहानी:
पुष्पा 2: द रूल में, हम पुष्पा राज (Allu Arjun) के एक कार्यकर्ता से एक शक्तिशाली सिंडिकेट नेता और अंततः बेजोड़ महत्वाकांक्षा वाले लाल चंदन तस्कर बनने के सफर को देखते हैं। एसपी भंवर सिंह शेखावत (फहाद फासिल) के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता गहरी होती जाती है क्योंकि पुष्पा कानून को चकमा देने और बिना पकड़े गए माल की तस्करी करने के लिए साहसिक रणनीति बनाती है। इस बीच, पुष्पा एमपी सिद्धप्पा (राव रमेश) को मुख्यमंत्री के पद पर बिठाने की योजना बनाती है, ताकि वह अपनी चालाकी से राजनीतिक सत्ता का इस्तेमाल कर सके। पुष्पा के बड़े भाई से जुड़ा एक पारिवारिक संकट भी सामने आता है, जो उसके इरादों और आगे की चुनौतियों के बारे में सवाल उठाता है।
क्या काम करता है (प्लस पॉइंट्स):
- Allu Arjun का शानदार अभिनय: Allu Arjun ने उम्मीदों से बढ़कर काम किया है, उन्होंने खुद को बेजोड़ जुनून और प्रामाणिकता के साथ पुष्पा की भूमिका में ढाल लिया है। उनके जबरदस्त एक्शन और भावनात्मक दृश्य एक स्थायी छाप छोड़ते हैं।
- निर्देशक सुकुमार का विजन: सुकुमार ने पुष्पा के लिए एक सम्मोहक चरित्र को बारीकी से गढ़ा है, जिसमें भावना और शक्ति का सहज मिश्रण है।
- रश्मिका मंदाना की प्रभावशाली भूमिका: रश्मिका ने चमक बिखेरी है, खासकर दूसरे भाग के दौरान अपने भावनात्मक दृश्यों में, जिसमें उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है।
- फहाद फासिल का शानदार अभिनय: फहाद फासिल ने एक अथक, मनोरोगी पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका को और भी बेहतर बनाया है। Allu Arjun के साथ उनका जबरदस्त आमना-सामना फिल्म के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
- एक्शन और विजुअल: फिल्म के एक्शन सीक्वेंस, जिसमें बिजली की तरह चमकने वाला जथारा और हाई-ऑक्टेन क्लाइमेक्स शामिल है, एक विजुअल ट्रीट है, जिसे बड़े पैमाने पर अपील के लिए परफ़ेक्ट तरीके से कोरियोग्राफ किया गया है।
बैकग्राउंड स्कोर: देवी श्री प्रसाद का संगीत तनाव और उत्साह को बढ़ाता है, खासकर जथारा सीक्वेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान।
सहायक कलाकार: राव रमेश, जगपति बाबू, तारक पोनप्पा और अन्य लोगों के दमदार अभिनय ने कहानी में गहराई ला दी है।
क्या बेहतर हो सकता था (माइनस पॉइंट्स):
कमज़ोर कहानी: कथानक काफ़ी हद तक काउंटर-सीन पर निर्भर करता है और कुछ हिस्सों में गति खो देता है, खासकर इसके परिवार-केंद्रित दूसरे भाग के दौरान।
गति के मुद्दे: पहले भाग में कुछ दृश्य फिलर की तरह लगते हैं, जो कहानी को धीमा कर देते हैं।
कम प्रभावशाली गाने: पहली किस्त के विपरीत, सीक्वल के ज़्यादातर गाने कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ते, सिवाय “सूसेकी” के, जो सबसे अलग है।
अत्यंत निराशाजनक क्लिफहैंगर: अंत दर्शकों को अगले अध्याय के लिए और अधिक बिल्डअप की उम्मीद छोड़ देता है।
तकनीकी प्रतिभा:
संगीत और सिनेमैटोग्राफी: देवी श्री प्रसाद का बैकग्राउंड स्कोर बेहतरीन है, जिसे मिरोस्लाव कुबा ब्रोज़ेक के शानदार दृश्यों ने और भी बेहतर बना दिया है।
संपादन और निर्माण: नवीन नूली के संपादन में पहले भाग में कुछ हिस्सों को छोटा किया जा सकता था, लेकिन निर्माण मूल्य सराहनीय हैं, जो टीम की कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं।
निर्णय:
पुष्पा 2: द रूल एक एक्शन से भरपूर, भावनात्मक रोलरकोस्टर है जो अपने पूर्ववर्ती की तुलना में दांव बढ़ाता है। हालांकि फिल्म को एक बेहतर कहानी से फ़ायदा मिल सकता था, लेकिन Allu Arjun का अभिनय और सुकुमार का निर्देशन इसे एक रोमांचक फिल्म बनाता है। अगर आप यादगार अभिनय के साथ हाई-एनर्जी ड्रामा के प्रशंसक हैं, तो यह सीक्वल आपके वीकेंड के लिए बिल्कुल सही है! इसे मिस न करें!