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‘Udaipur Files’ सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार

Udaipur Files

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘Udaipur Files’ की रिलीज़ पर रोक लगाने से किया इनकार; फिल्म 8 अगस्त को सिनेमाघरों में आएगी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित हिंदी फिल्म Udaipur Files की रिलीज़ रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका मामले के एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने दायर की थी, लेकिन अदालत को प्रतिबंध लगाने का कोई ठोस आधार नहीं मिला।

इस फैसले के साथ, यह फिल्म अब निर्धारित समय 8 अगस्त, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी, जिससे दर्शकों में और भी ज़्यादा उत्सुकता पैदा हो गई है।

अदालत ने प्रतिबंध के लिए कोई कानूनी आधार नहीं बताया

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एक बार जब किसी फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाणित कर दिया जाता है, तो उसकी रिलीज़ रोकने का कोई औचित्य नहीं है।

अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता अपने पक्ष में प्रथम दृष्टया मामला साबित करने में विफल रहा। इसने यह भी बताया कि फिल्म निर्माताओं ने इस परियोजना में अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी थी, और रिलीज़ रोकने से काफी वित्तीय नुकसान होगा, जिससे उनके खिलाफ अनुचित आर्थिक असंतुलन पैदा होगा।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विचार

उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर भी असर पड़ेगा। हालाँकि, अदालत ने केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) द्वारा दिए गए प्रमाणन को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका पर जवाब मांगा।

आरोपी के वकील की दलीलें

मोहम्मद जावेद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने दलील दी कि ‘Udaipur Files’ की कहानी उस अपराध से काफी मिलती-जुलती है जिसके लिए उनके मुवक्किल पर आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया कि फिल्म में जावेद के किरदार को बिल्कुल वैसा ही दिखाया गया है जैसा आरोपपत्र में वर्णित है, जिससे जनमत प्रभावित हो सकता है और उनके न्यायिक अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

इन दलीलों के बावजूद, अदालत ने स्पष्ट किया कि फिल्म की रिलीज़ रोकने का कोई आधार नहीं है।

रिलीज़ की तारीख पक्की

कानूनी अड़चनें दूर होने के साथ, ‘Udaipur Files’ शुक्रवार, 8 अगस्त** को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है। अदालत के इस फैसले से न केवल फिल्म निर्माताओं को राहत मिली है, बल्कि फिल्म में लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ गई है।

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