Supreme Court ने शिवकुमार की सीबीआई याचिका न्यायमूर्ति कांत को हस्तांतरित की

कर्नाटक सरकार द्वारा शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेने के बाद सीबीआई ने यह याचिका दायर की थी।

Supreme Court ने शिवकुमार की आय से अधिक संपत्ति मामले की याचिकाएँ न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ को भेजीं

नई दिल्ली, 22 सितंबर, 2025 — Supreme Court ने सोमवार को निर्देश दिया कि न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ कर्नाटक सरकार द्वारा उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (आय से अधिक संपत्ति) मामले** की सीबीआई जाँच के लिए दी गई सहमति वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

भारत के Supreme Court मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने बताया कि इस मामले पर पहले न्यायमूर्ति कांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने विचार किया था।

यह घटनाक्रम तब हुआ जब शीर्ष अदालत केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार द्वारा पिछली भाजपा सरकार के दौरान दी गई सहमति को रद्द करने के कदम को चुनौती दी गई थी। भाजपा नेता बसनगौड़ा आर. पाटिल यतनाल ने भी इसी मुद्दे पर अदालत में एक अलग याचिका दायर की है।

शिवकुमार के खिलाफ आरोप

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 से 2018 के बीच, जब वे राज्य सरकार में मंत्री थे, अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।

पिछले साल, 17 सितंबर, 2024 को, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यतनाल की याचिका पर शिवकुमार और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था।

कर्नाटक सरकार का रुख

वर्तमान कांग्रेस सरकार ने तर्क दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का सीबीआई जांच की अनुमति देने का निर्णय कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण था, और बाद में उसने सहमति वापस ले ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने, अगस्त 2024 में, सीबीआई की याचिका को “अस्वीकार्य” बताते हुए, वापस लेने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।

अब जब मामला न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष है, तो अगली सुनवाई में राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में जांच की दिशा तय होने की उम्मीद है।

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