नेटफ्लिक्स की मशहूर क्राइम फ्रेंचाइज़ी Delhi Crime का तीसरा सीज़न आ चुका है, लेकिन इस बार कहानी एक बड़े मोड़ पर खड़ी दिखती है। जो शो कभी अपनी तीखी लिखाई और सच्चाई की कसौटी पर खरा उतरता था, अब अपनी विरासत बचाने की कोशिश में कुछ ज्यादा ही सुरक्षित खेलता नजर आता है।
Delhi Crime Season 3 सच्ची घटना पर आधारित, लेकिन असर कम
Delhi Crime Season 3, 2012 के बेबी फलक केस और इंटर-स्टेट ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आधारित है। पहले दो सीज़न जहां समाज और पुलिस व्यवस्था पर तीखा सवाल उठाते थे, वहीं इस बार कहानी में वह गहराई कम दिखाई देती है।
कहानी कई राज्यों — असम, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात — में घूमती है, पर असर उम्मीद से हल्का पड़ता है।
वर्तिका की वापसी, लेकिन टोन में थकावट
मुख्य किरदार वर्र्तिका चतुर्वेदी (शेफाली शाह) इस बार असम के सिलचर में ‘पनिशमेंट पोस्टिंग’ पर हैं। यहां उन्हें एक मानव तस्करी गिरोह का सुराग मिलता है, जिससे वे फिर दिल्ली लौट आती हैं।
लेकिन सीज़न में कई जगह पुराने इमोशनल बीट्स और जांच-पड़ताल की वही जानी-पहचानी रफ्तार दोहराई गई है। कहीं-कहीं शो इतना प्रेडिक्टेबल हो जाता है कि अपनी ही चमक खोने लगता है।
शेफाली शाह दमदार, लेकिन स्क्रिप्ट सा नहीं देती
शेफाली शाह हमेशा की तरह शानदार हैं, पर इस बार उनकी एक्टिंग भी लिखाई की कमजोरियों को पूरी तरह ढक नहीं पाती।
उनकी प्रतिक्रियाएँ — सदमे में खामोश होना, तेज़ निगाहें, तंज भरे जवाब — अब पैटर्न सा लगने लगते हैं। उनके घरेलू तनाव वाला ट्रैक भी पहले जैसा असर नहीं छोड़ता।
रसिका दुग्गल का किरदार सबसे वास्तविक
नीति सिंह (रसिका दुग्गल) की कहानी सबसे ज्यादा प्रभावी है। उनका टूटता विवाह, काम का दबाव—यह सब बहुत ऑथेंटिक लगता है।
यही एक आर्क है जो कहानी को थोड़ा संतुलन देता है, लेकिन यह भी जल्दी ही प्रक्रियात्मक कहानी में खो जाता है। युक्ति ठरेजा की ASI सिमरन दिलचस्प हो सकती थीं, पर उनका किरदार अधूरा रह गया।
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विलेन का ग्राफ सपाट
हूमा कुरैशी का किरदार मीना उर्फ ‘बड़ी दीदी’, एक मजबूत विलेन के रूप में पेश किया गया है, लेकिन लिखाई यहां भी कमजोर पड़ जाती है।
उनकी बैकस्टोरी, डर और खलनायकी — सब कुछ सीधा-सपाट है, जिससे रहस्य की जगह सामान्य OTT-विलेन फॉर्मूला सामने आता है।
अच्छे मुद्दे, लेकिन सतही प्रस्तुति
सीज़न में कई महत्वपूर्ण थीम्स—समाज में महिलाओं का शोषण, पीड़ित से अपराधी बनने की मजबूरी, सिस्टम की बेरुखी—मौजूद तो हैं, लेकिन गहराई के बजाय सतह पर ही टहलती नजर आती हैं।
कहाँ खड़ा है Delhi Crime 3?
Delhi Crime Season 3 एक तरह का चेतावनी संकेत है। शो अब एक चौराहे पर है—
क्या यह पहले जैसा तेज, बेखौफ और गहरा बनेगा?
या अपनी लोकप्रियता बचाने के लिए सुरक्षित, लेकिन फीका रास्ता चुनेगा?
फैसला makers के हाथ में है, और दर्शक अगली दिशा का इंतज़ार करेंगे।