Delhi-Mumbai Expressway पर भीषण हादसा: मदद के बिना 8 घंटे तक फंसे रहे पति-पत्नी, दोनों की मौत

कार रक्षक बैरियर में फँसी रही, रातभर किसी ने नहीं दी सूचना; सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Delhi-Mumbai Expressway पर हादसा कैसे हुआ: तेज रफ्तार वाहन ने पीछे से मारी जोरदार टक्कर

Delhi-Mumbai Expressway पर मंगलवार की देर रात एक गंभीर सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक दंपति की दर्दनाक मौत हो गई। दंपति की वैगन-आर कार को एक अज्ञात भारी वाहन ने पीछे से टक्कर मारी, जिससे कार अनियंत्रित होकर मेटल क्रैश-बैरियर से जा टकराई।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पूरी तरह मुरझा गई और दोनों भीतर ही फंस गए।

8 घंटे तक कार में फंसा रहा दंपति, नहीं मिली समय पर मदद

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि दुर्घटना रात करीब 11:30 बजे हुई, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना सुबह लगभग 7:30 बजे मिली। इस दौरान सैकड़ों वाहन उस रास्ते से गुजरे, पर किसी ने न रुककर मदद की और न पुलिस को कॉल किया।
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पाया कि 42 वर्षीय लक्ष्मी राम और 38 वर्षीय कुसुमलता कार में गंभीर रूप से घायल पड़े थे और उनकी मौत हो चुकी थी।

परिवार का आरोप: अगर तुरंत मदद मिलती, तो बच सकती थी जान

मृतक परिवार का कहना है कि इतनी देर तक किसी के न रुकने या सूचना न देने के कारण दोनों की जान चली गई।
परिजनों के अनुसार, दंपति रात का नाश्ता लेकर राजस्थान के करौली जिले से दिल्ली लौट रहे थे। उनका घर दिल्ली के बुध विहार में था, जहां उनके चार बच्चे रहते हैं।

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अंतिम क्षण: पति ने पत्नी को गोद में थाम रखा था

जब पुलिस ने कार को गैस कटर से काटकर दोनों को बाहर निकाला, तो दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया।
पति ने अपनी पत्नी को अपनी ओर खींचे रखा था, मानो आखिरी क्षणों में भी उसे सहारा दे रहे हों।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी ने तुरंत कॉल किया होता, तो दोनों की जिंदगी बच सकती थी।

सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल: रातभर पेट्रोलिंग कहां थी?

इस हादसे ने Expressway की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं।

  • एक्सप्रेसवे पर लगातार हाईवे पेट्रोलिंग होने का दावा किया जाता है
  • निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम भी मौजूद हैं
  • फिर कैसे एक दुर्घटनाग्रस्त कार 8 घंटे तक अनदेखी रही?

NHAI ने इस घटना को लेकर निगरानी एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगा है और मामले की जांच जारी है।

चार बच्चों का सहारा छिना, बुजुर्ग पिता पर बढ़ा बोझ

दंपति के चार बच्चे अब अनाथ हो गए हैं। दादा, जो खुद किसान हैं, अब बच्चों की परवरिश और शिक्षा को लेकर चिंता में डूबे हैं।
परिवार के मुताबिक, मृतक मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था, जबकि पत्नी गृहिणी थीं।

सिस्टम की नाकामी ने ली दो जिंदगियाँ

यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की गंभीर विफलता है।
Expressway जैसा हाई-टेक मार्ग भी अगर रातभर एक दुर्घटनाग्रस्त कार को नहीं देख पाता, तो यह सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है।

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सरकार, पुलिस और NHAI को ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए

  • रात की पेट्रोलिंग बढ़ाने
  • त्वरित रेस्क्यू रिस्पॉन्स सिस्टम मजबूत करने
  • और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का भरोसा देने
    की आवश्यकता है।

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