बांग्लादेश की पूर्व पीएम Sheikh Hasina को 21 साल की जेल: प्लॉट आवंटन घोटाले में बड़ा फैसला

बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ आता दिख रहा है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता Sheikh Hasina को ढाका की एक विशेष अदालत ने प्लॉट आवंटन भ्रष्टाचार मामले में कुल 21 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला गुरुवार दोपहर विशेष जज अदालत नंबर-5 के न्यायाधीश मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामुन ने सुनाया।

इससे पहले, हसीना को पिछले वर्ष छात्र आंदोलन के दौरान कथित नरसंहार के मामले में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल द्वारा मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।

तीन मामलों में 7-7 साल की सजा, कुल 21 साल की कैद

अदालत ने प्लॉट आवंटन से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों में हसीना को

  • प्रत्येक में 7 साल,
  • कुल मिलाकर 21 साल कैद की सजा दी है।

इसके साथ ही अदालत ने उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय और बेटी साइमा वाजेद पु्तुल को 5-5 साल की सजा सुनाई है।
जॉय को 1 लाख टका का जुर्माना भी लगाया गया है।

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भारत में अस्थायी शरण के बाद लगातार कानूनी कार्रवाई

अवामी लीग सरकार के अगस्त 2024 में पतन के बाद Sheikh Hasina ने भारत में अस्थायी शरण ली थी। इसके बाद बांग्लादेश में उनके खिलाफ लगातार कई मामले दर्ज हुए।

सबसे गंभीर आरोप उन पर जुलाई-अगस्त 2023 के छात्र आंदोलन के दौरान कथित नरसंहार का लगा, जिसमें उन्हें पहले ही दोषी ठहराकर फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।

पूरबाचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला

नए फैसले में जिस भ्रष्टाचार की बात की गई है, वह ढाका के पूरबाचल न्यू सिटी प्रोजेक्ट में प्लॉट आवंटन से संबंधित है।
आरोपों के अनुसार, Sheikh Hasina और उनके परिवार के सदस्यों पर आरोप था कि उन्होंने प्रभाव का दुरुपयोग करके मनचाहे लोगों को प्लॉट आवंटित किए।

इन मामलों में आरोपितों में शामिल हैं:

  • Sheikh Hasina
  • उनका बेटा सजीब वाजेद जॉय
  • बेटी साइमा वाजेद
  • बहन शेख रेहाना
  • रेहाना की बेटी और ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीकी
  • रदवान मुजीब सिद्दीकी
  • अजमीना सिद्दीकी
  • और अन्य

बांग्लादेश एंटी-करप्शन कमीशन (ACC) ने इस मामले में कुल 6 अलग-अलग केस दर्ज किए थे। अदालत ने गुरुवार को इनमें से 3 मामलों का फैसला सुना दिया।

राजनीतिक भूचाल, आने वाले समय में और सख्त कार्रवाई संभव

यह फैसला बंगालादेश की राजनीतिक स्थिति को और अस्थिर बना सकता है, क्योंकि Sheikh Hasina देश की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में Sheikh Hasina से जुड़े अन्य मामलों में भी तेजी से सुनवाई हो सकती है।

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