Amazon और माइक्रोसॉफ्ट का भारत में मेगा निवेश: AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में 52.5 अरब डॉलर की बड़ी घोषणा

भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियां तेजी से निवेश बढ़ा रही हैं। Amazon और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर देश में कुल 52.5 अरब डॉलर (करीब ₹4.38 लाख करोड़) निवेश करने की घोषणा की है। यह निवेश आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक AI हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Amazon का 35 अरब डॉलर का निवेश: भारत बनेगा ग्लोबल AI इंजन

Amazon ने बुधवार को घोषणा की कि वह 2030 तक भारत में 35 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
कंपनी इस फंड को मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रों में लगाएगी:

  • AI-चालित डिजिटलीकरण
  • भारत से तकनीकी निर्यात को बढ़ावा
  • बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन
  • क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

Amazon के मुताबिक, यह निवेश अब तक किए गए 40 अरब डॉलर के निवेश के ऊपर है। इस तरह अमेज़न भारत में “सबसे बड़ा विदेशी निवेशक” बनकर उभर रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट का 17.5 अरब डॉलर का वादा: नया हाइपरस्केल क्लाउड रीजन

Amazon के बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत के AI इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए 17.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की।

मुख्य बिंदु:

  • हैदराबाद में नया हाइपरस्केल क्लाउड रीजन स्थापित किया जाएगा।
  • यह डेटा सेंटर क्लस्टर 2026 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद।
  • भारत को माइक्रोसॉफ्ट का “Sovereign Public Cloud” भी उपलब्ध होगा—जिससे संवेदनशील डेटा देश के भीतर ही सुरक्षित रहेगा।
  • सरकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म में AI एकीकरण के जरिए 310 मिलियन (31 करोड़) असंगठित क्षेत्र के कामगारों की सहायता का लक्ष्य।

यह निवेश माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक 23 अरब डॉलर के AI विस्तार अभियान का हिस्सा है, जिसका मुकाबला Amazon और गूगल जैसी कंपनियों से चल रहा है।

भारत क्यों बन रहा है AI और क्लाउड कंपनियों का पसंदीदा ठिकाना?

भारत एक बड़ा डिजिटल बाजार है:

  • 100 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता
  • विशाल टेक टैलेंट पूल
  • सरकार का आक्रामक “सेमीकंडक्टर मिशन”
  • क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़े स्तर पर नीति समर्थन

हालांकि AI अनुसंधान में भारत अभी अमेरिका और चीन से पीछे है, लेकिन निवेश के मामले में देश लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।

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गूगल और इंटेल भी दे चुके हैं बड़े संकेत

भारत में निवेश की लहर सिर्फ अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट तक सीमित नहीं है:

  • गूगल: 15 अरब डॉलर – AI डेटा हब के लिए
  • इंटेल: टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ 14 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट में सहयोग घोषित

स्पष्ट है कि भारत अगली पीढ़ी की तकनीकों—AI, क्लाउड, और सेमीकंडक्टर—का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान: “AI को लेकर दुनिया भारत को लेकर आशावान”

माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा:

“AI के मामले में दुनिया भारत को लेकर आशावान है।”

यह बयान बताता है कि भारत खुद को AI भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक निर्णायक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना चाहता है।

भारत का अगला बड़ा कदम: फरवरी में आएगा “सॉवरेन AI मॉडल”

सरकार अगले वर्ष फरवरी में अपना Sovereign AI Model लॉन्च करेगी।
यह मॉडल:

  • भारतीय भाषाओं और डेटा-सेट्स पर आधारित होगा
  • घरेलू उद्योगों को AI अपनाने में मदद करेगा
  • डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा

निष्कर्ष: भारत की तकनीकी दौड़ में नई रफ़्तार

Amazon, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और इंटेल जैसे दिग्गजों का भारी निवेश दिखाता है कि आने वाले वर्षों में भारत:

  • AI आधारित नवाचार
  • वैश्विक क्लाउड नेटवर्क
  • सेमीकंडक्टर उत्पादन

के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है।
यह निवेश करोड़ों भारतीयों के लिए रोजगार और नई तकनीकी क्षमताओं के द्वार खोलेगा।

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