दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की शर्मनाक हार ने Gautam Gambhir की टेस्ट कोचिंग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो मैचों की सीरीज में भारत को 0-2 से क्लीन स्वीप झेलना पड़ा, जिसमें दूसरा टेस्ट 408 रनों से हाथ से निकल गया। इसी बीच पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी ने BCCI से गंभीर के बजाय किसी नए विकल्प पर विचार करने की अपील की है।
“नतीजा तय था, गंभीर की रणनीति समझ से परे” – तिवारी
तिवारी ने कहा कि यह हार उन्हें बिल्कुल भी हैरान नहीं करती, क्योंकि लंबे समय से टीम में लगातार बदलाव और अस्पष्ट रणनीति दिखाई दे रही थी।
तिवारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा:
“सच कहूं तो नतीजा पहले से साफ था। जिस तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी, वह सही नहीं थी। बार-बार बदलाव किए जा रहे थे, जो पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, फिर न्यूज़ीलैंड और अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साफ दिखा।”
उन्होंने यहां तक कहा कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए गंभीर को हटाना जरूरी हो गया है।
“अलग टेस्ट कोच की जरूरत, फैसला अब जरूरी”
तिवारी बोले:
“बिलकुल, अब अलग रेड-बॉल कोच की जरूरत है। भारतीय टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए ये कदम उठाना ही होगा।”
Gautam Gambhir की सफाई पर पलटवार – “चैंपियंस टीम पहले से बनी हुई थी”
हार के बाद Gautam Gambhir ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने टीम के साथ चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप जीता और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज ड्रॉ करवाई। लेकिन तिवारी ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
तिवारी ने कहा:
“इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कोई उपलब्धि नहीं थी। इंग्लैंड ने आखिरी दिन गलत शॉट खेले, वरना वे 3-1 से जीत सकते थे। टीम उतनी युवा भी नहीं थी जितना बताया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि Gautam Gambhir को जिस टीम के साथ सफलता मिली, वह पहले से तैयार थी।
“चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप वाली टीम रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और उससे पहले विराट कोहली ने बनाई थी। अगर गंभीर कोच न भी होते, तो भी भारत ये दोनों टूर्नामेंट जीत लेता। टीम पहले से तैयार थी।”
“ग्राउंड लेवल अनुभव के बिना टॉप लेवल सफलता असंभव”
तिवारी ने Gautam Gambhir की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा:
“एक व्हाइट-बॉल मेंटर का टेस्ट कोच बन जाना निराशाजनक है। बिना ग्राउंड-लेवल अनुभव के टॉप लेवल पर नतीजे मिलना लगभग असंभव है।”
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