Hubballi। कर्नाटक के Hubballi शहर में राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। इस अभियान का उद्देश्य शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो से सुरक्षित रखना और उनके स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ एसएस कृष्णा नगर स्थित नम्मा क्लिनिक से किया गया।
स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से यह अभियान पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों में चलाया जा रहा है।
क्यों जरूरी है पल्स पोलियो अभियान
पोलियो एक गंभीर वायरल बीमारी है, जो बच्चों में स्थायी विकलांगता का कारण बन सकती है। भारत ने वर्ष 2014 में पोलियो-मुक्त देश का दर्जा हासिल किया था, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित टीकाकरण और सतर्कता बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में इस बीमारी की वापसी न हो।
पल्स पोलियो अभियान इसी निरंतर सतर्कता का हिस्सा है, जिसके तहत हर बच्चे को बिना चूके पोलियो की खुराक दी जाती है।
Hubballi में अभियान की व्यापक तैयारी
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस अभियान के तहत:
- करीब 2 लाख बच्चों को पोलियो की दो बूंदें पिलाने का लक्ष्य रखा गया है
- शहर और ग्रामीण इलाकों में 800 से अधिक पोलियो बूथ बनाए गए हैं
- हजारों स्वास्थ्यकर्मी, आशा कार्यकर्ता और स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं
- अभियान के बाद घर-घर जाकर छूटे बच्चों को कवर किया जाएगा
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कोई भी बच्चा पोलियो ड्रॉप्स से वंचित न रहे, इसके लिए विशेष निगरानी व्यवस्था की गई है।
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Hubballi प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की अपील
कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान उपस्थित अधिकारियों ने माता-पिता से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से पोलियो की खुराक दिलाएं।
अधिकारियों का कहना है कि पोलियो ड्रॉप्स पूरी तरह सुरक्षित हैं और यह बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
स्थानीय नेतृत्व का संदेश
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने की जिम्मेदारी है। बच्चों का स्वस्थ रहना शिक्षा, विकास और समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि स्वच्छता, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और मातृ-शिशु कल्याण से जुड़े अन्य कार्यक्रमों को भी समान प्राथमिकता दी जा रही है।
विशेषज्ञों की राय: सतर्कता ही सफलता की कुंजी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में भले ही पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आया हो, लेकिन पड़ोसी देशों में मौजूद खतरे को देखते हुए टीकाकरण में ढील खतरनाक हो सकती है। इसलिए हर अभियान में शत-प्रतिशत कवरेज बेहद जरूरी है।
निष्कर्ष
Hubballi में शुरू किया गया पल्स पोलियो अभियान बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा कवच को और मजबूत करेगा। प्रशासन, स्वास्थ्यकर्मियों और अभिभावकों की संयुक्त भागीदारी से यह अभियान पोलियो-मुक्त भारत के लक्ष्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
यह पहल न केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि भविष्य की स्वस्थ और सक्षम पीढ़ी की नींव रखती है।