Karnataka सरकार ने महिलाओं के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि राज्य के टियर-2 और टियर-3 शहरों में 90 महिलाओं को VLSI डिज़ाइन और एम्बेडेड सॉफ्टवेयर में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। यह कार्यक्रम खास तौर पर उन महिलाओं के लिए बनाया गया है जिन्होंने किसी कारणवश करियर ब्रेक लिया है और अब दोबारा टेक सेक्टर में वापसी करना चाहती हैं।
Marvell Semiconductor के साथ हुआ समझौता
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए Electronics Sector Skills Council of India (ESSCI) ने Marvell Semiconductor के साथ एक औपचारिक समझौता (MoU) किया है। यह घोषणा बेंगलुरु टेक्नोलॉजी समिट के दौरान की गई।
महिला प्रतिभा को फिर से टेक सेक्टर में लाने का प्रयास
आईटी और बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह कार्यक्रम महिलाओं को आधुनिक टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करेगा, ताकि करियर ब्रेक के बाद भी वे आसानी से नौकरी हासिल कर सकें।
“हम हमेशा फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स बनाने पर फोकस करते रहे हैं। हमारा लक्ष्य उन महिलाओं को भी मजबूत बनाना है जो अपने करियर में वापसी करना चाहती हैं,”
— प्रियांक खड़गे, आईटी एवं बीटी मंत्री, कर्नाटक
सरकार का मानना है कि यह पहल न सिर्फ राज्य की महिला भागीदारी को बढ़ाएगी, बल्कि भारत की तेजी से बढ़ती चिप और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को भी मजबूत करेगी।
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NIPUNA Karnataka: 4,000 युवाओं को स्किल करने का बड़ा मिशन
इसके साथ ही कर्नाटक सरकार ने NIPUNA Karnataka कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया है, जिसके तहत 4,000 से ज्यादा युवाओं को हाई-डिमांड टेक स्किल्स में ट्रेनिंग दी जाएगी।
इन कंपनियों के साथ साझेदारी
स्किलिंग कार्यक्रम इन बड़े कॉरपोरेट पार्टनर्स के साथ चलाया जाएगा:
- Capgemini
- Wells Fargo
- Standard Chartered
- Sumeru
ये ट्रेनिंग AI, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस और डीप टेक फील्ड्स में दी जाएगी।
सरकार के अनुसार, इस मिशन से कम से कम 2,800 नए रोजगार अवसर बनने की उम्मीद है।
10,000 युवाओं की और स्किलिंग की तैयारी
मंत्री ने बताया कि NIPUNA Karnataka को राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सराहना मिल रही है। इसके चलते कई कंपनियों ने अतिरिक्त 10,000 युवाओं को ट्रेन करने और 7,000 नए रोजगार देने का प्रस्ताव भेजा है।
निष्कर्ष
Karnataka सरकार की यह पहल सेमीकंडक्टर और डीप-टेक सेक्टर में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। करियर ब्रेक के बाद महिलाओं को दोबारा उद्योग में लाना न सिर्फ एक सामाजिक परिवर्तन है, बल्कि भारत के बढ़ते टेक इकोसिस्टम को भी नई ऊर्जा देगा।