तेलुगु फिल्म ‘Raju Weds Rambai इमोशन, प्रेम और परंपराओं की टक्कर दिखाती एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म 21 नवंबर 2025 को रिलीज हो चुकी है और यह फिल्म अपने भरे हुए इमोशन, क्लासिक टच और गहरे सामाजिक सवालों के कारण दर्शकों के दिलों में उतर रही है। यह कहानी माणुकोटा—इल्लेंदु क्षेत्र में घटी एक वास्तविक घटना पर आधारित है, जिसे निर्देशक साइलु कंपाटी ने बेहद संवेदनशील तरीके से पर्दे पर उतारा है।
Raju Weds Rambai कहानी: प्यार, सामाजिक दबाव और परंपरा की कसौटी
राजू (अखिल उद्डेमारी) एक छोटे से गांव में अपने माता-पिता (शिवाजी राजा, अनिता चौधरी) के साथ ‘बैंड मेला’ चलाते हुए खुशहाल जीवन जीता है। गांव के सरकारी अस्पताल में कम्पाउंडर वेंकन्ना (चैतू जोंनालगड्डा) की बेटी रंबाई (तेजस्विनी) से राजू को प्यार हो जाता है। दोनों अपने जीवन की नई शुरुआत के सपने बुनते हैं।
लेकिन कहानी मोड़ लेती है जब वेंकन्ना को उनकी बेटी के प्रेम-प्रसंग का पता चलता है। ‘परिवार की इज्जत’ को सबसे ऊपर रखने वाला वेंकन्ना इस रिश्ते को सख्ती से नकार देता है। इसी संघर्ष में राजू के परिवार पर बड़ा संकट टूट पड़ता है।
Raju Weds Rambai फिल्म इन सवालों को बेहद भावुक अंदाज में सामने रखती है—
- रंबाई राजू से इतना प्यार क्यों करती है?
- वेंकन्ना इस रिश्ते का विरोध क्यों करता है?
- दोनों परिवारों के बीच हुए टकराव में क्या कीमत चुकानी पड़ती है?
- अंत में वेंकन्ना कौन-सा बड़ा फैसला लेता है?
इन सारी उलझनों का जवाब कहानी के इमोशनल और हृदय को छू लेने वाले क्लाइमैक्स में मिलता है।
निर्देशन और लेखन: सच्चाई और ईमानदारी का स्वाद
पहली ही Raju Weds Rambai फिल्म में निर्देशक साइलु कंपाटी अपने लेखन में ईमानदारी, वास्तविकता और गहरी संवेदना लाते हैं।
- फर्स्ट हाफ आकर्षक, हल्के-फुल्के हास्य से भरपूर और बांधे रखने वाला है।
- सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी धीमी पड़ती है, खासकर ट्रैवल सीक्वेंस में, लेकिन क्लाइमैक्स सब कुछ संभाल लेता है और दर्शकों को भावनाओं में बहा ले जाता है।
अगर सेकंड हाफ थोड़ा और कसाव वाला होता, तो यह फिल्म तेलुगु सिनेमा की सबसे बेहतरीन क्लासिक लव स्टोरी में गिनी जा सकती थी।
अभिनय: नए चेहरे लेकिन दमदार प्रदर्शन
अखिल और तेजस्विनी दोनों ने अपने-अपने किरदारों को जिया है, निभाया नहीं।
- दोनों की परफॉर्मेंस बेहद नैचुरल और गहराई से भरी हुई है।
- चैतू जोंनालगड्डा एक नए अंदाज़ के विलन के रूप में खास ध्यान खींचते हैं।
- शिवाजी राजा, अनिता चौधरी और बाकी कलाकारों ने कहानी को मजबूती दी है।
तकनीकी पक्ष: विजुअल्स और म्यूजिक फिल्म का दिल
- सिनेमैटोग्राफी (वाजिद बेग): गांव, खेत, चेलक, बोरवेल, पेड़—सब कुछ इतना खूबसूरत और असली लगता है कि दर्शक खुद को वहीं महसूस करता है।
- म्यूजिक (सुरेश बोब्बिली): गाने और बैकग्राउंड स्कोर दोनों कहानी की संवेदना को कई गुना बढ़ाते हैं।
- एडिटिंग: सेकंड हाफ में और कसावट की जरूरत थी।
- प्रोडक्शन डिजाइन: ग्रामीण परिवेश को प्रामाणिक तरीके से पेश किया गया है।
फ़ाइनल वर्डिक्ट: देखने लायक इमोशनल फैमिली ड्रामा
Raju Weds Rambai एक ऐसी फिल्म है जो प्यार, परंपरा, परिजनों की इज्जत और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दों को बेहद दिल से पेश करती है।
- मजबूत अभिनय
- बेहतरीन साउंडट्रैक
- दमदार क्लाइमैक्स
- और सच्ची घटना की भावनात्मक गहराई
इसे एक देखने लायक फैमिली-इमोशनल ड्रामा बनाते हैं।
अगर आप इस वीकेंड कोई फिल्म देखने की सोच रहे हैं, ‘Raju Weds Rambai’ आपको बिल्कुल निराश नहीं करेगी।