ऑनलाइन ट्रोलिंग पर Sonakshi Sinha का कड़ा रुख, बोलीं – डिजिटल उत्पीड़न पर सख्त कानून जरूरी

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री Sonakshi Sinha ने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते ऑनलाइन दुर्व्यवहार को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इंटरनेट पर गाली-गलौज, धमकी और नफरत फैलाने वाले कंटेंट को रोकने के लिए सख्त और प्रभावी कानूनों की तुरंत जरूरत है।

डिजिटल आज़ादी के नाम पर बढ़ रहा ऑनलाइन उत्पीड़न

Sonakshi Sinha का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कई लोग इसकी आड़ में मानसिक उत्पीड़न और साइबर बुलिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने इसे समाज के लिए खतरनाक प्रवृत्ति बताया।

उनके अनुसार,

  • गुमनाम अकाउंट्स के कारण लोग बिना डर अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं
  • महिलाओं और सार्वजनिक हस्तियों को जानबूझकर निशाना बनाया जाता है
  • ऑनलाइन नफरत का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है

सिर्फ पीड़ित नहीं, प्लेटफॉर्म्स भी हों जवाबदेह

अभिनेत्री ने कहा कि ऑनलाइन दुर्व्यवहार के मामलों में केवल पीड़ितों को ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया कंपनियों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए

उन्होंने सुझाव दिया कि

  • आपत्तिजनक कंटेंट की पहचान के लिए मजबूत मॉडरेशन सिस्टम हो
  • शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो
  • बार-बार नियम तोड़ने वाले अकाउंट्स पर सख्त कार्रवाई की जाए

मौजूदा कानून नाकाफी, सुधार की जरूरत

Sonakshi Sinha ने मौजूदा साइबर कानूनों को अधूरे और कमजोर बताते हुए कहा कि इनसे ऑनलाइन उत्पीड़न पर प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। लंबी कानूनी प्रक्रिया और अस्पष्ट नियमों के कारण पीड़ित अक्सर न्याय से वंचित रह जाते हैं।

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार,

  • साइबर अपराधों के मामलों में तेज़ सुनवाई जरूरी है
  • डिजिटल अपराधों की स्पष्ट परिभाषा होनी चाहिए
  • दोषियों को कड़ी सज़ा का प्रावधान होना चाहिए

पहले भी उठ चुकी है ऑनलाइन ट्रोलिंग के खिलाफ आवाज

Sonakshi Sinha से पहले कई अभिनेता, अभिनेत्री और खिलाड़ी ऑनलाइन ट्रोलिंग और नफरत के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। इसके बावजूद, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा और धमकियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

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डिजिटल सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन उत्पीड़न से निपटने के लिए

  • सरकार को सख्त और आधुनिक साइबर कानून बनाने होंगे
  • टेक कंपनियों को पारदर्शी निगरानी व्यवस्था अपनानी होगी
  • यूज़र्स को डिजिटल शिष्टाचार और जिम्मेदारी समझनी होगी

साथ ही, स्कूल और कॉलेज स्तर पर डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा देना भी जरूरी है।

निष्कर्ष

Sonakshi Sinha का बयान डिजिटल युग में बढ़ती ऑनलाइन हिंसा की ओर ध्यान दिलाता है। यह केवल सेलिब्रिटीज़ की समस्या नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग से जुड़ा मुद्दा बन चुका है। ऑनलाइन दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के लिए कानून, तकनीक और सामाजिक जिम्मेदारी—तीनों का संतुलन समय की मांग है।

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