पश्चिम बंगाल में चल रही विशेष व्यापक संशोधन प्रक्रिया (SIR process) को लेकर चिंताएं अब वास्तविक रूप ले चुकी हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, राज्य में लगभग 26 लाख वोटरों का पता नहीं चल पा रहा है, जबकि अब तक कुल 6 करोड़ वोटरों की मिलान प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। यह संख्या अभी और बढ़ सकती है, जैसा कि आयोग के अधिकारियों का अनुमान है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सभी मतदाता मृत हैं, स्थान बदल चुके हैं, या ये वोटर सूची में मौजूद फर्जी नाम थे? आयोग ने नए दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन डेटा मैच न होने पर प्रिंटेड वोटर लिस्ट की मदद भी ली जा सकती है।
SIR process पर बढ़ा दबाव, BLOs की समस्याएं बढ़ीं
राज्य भर के बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) SIR process को लेकर भारी दबाव में हैं।
- यह प्रक्रिया बिना पर्याप्त योजना के लागू किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
- BLOs को नियमित कार्यों के साथ SIR का जिम्मा भी निभाना पड़ रहा है।
- लगातार फील्ड वर्क, भारी दस्तावेजी कार्य और तकनीकी दिक्कतों के चलते कई BLOs मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो रहे हैं।
बारासात के BLO अरिंदम डे के अनुसार,
“दस घंटे काम करने के बाद भी 50 फॉर्म पूरे नहीं हो पाते। ऐप बार-बार खराब हो जाता है।”
तेजी से बढ़ते तनाव के कारण सरकार और आयोग के बीच भी टकराव बढ़ रहा है। BLOs के बीमार पड़ने और मौत की खबरों ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है।
तकनीकी समस्याएं और ‘अनियोजित’ प्रक्रिया पर सवाल
SIR process के लिए बनाए गए स्पेशल ऐप में बार-बार त्रुटियां सामने आ रही हैं।
- ऐप ठीक से काम न करने के कारण फॉर्म अपलोड और मिलान में दिक्कत हो रही है।
- BLOs का कहना है कि इतनी विशाल प्रक्रिया को सीमित समय में पूरा करना लगभग असंभव हो चुका है।
आयोग पर बढ़ते दबाव को देखते हुए राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कदम उठाए हैं।
दिल्ली से तीन वरिष्ठ अधिकारियों को बंगाल भेजने का निर्णय लिया गया है:
- प्रमुख सचिव बी सी पात्र
- सचिव सौम्यजीत घोष
- अतिरिक्त सचिव बिबार अग्रवाल
ये अधिकारी राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल के साथ समन्वय में कार्य करेंगे।
CEO कार्यालय में विवाद, पुलिस को रिपोर्ट भेजने का आदेश
सोमवार को BLO राइट्स प्रोटेक्शन कमिटी द्वारा CEO कार्यालय में प्रवेश कर वहीं बैठने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
इस पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की।
चुनाव आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर 48 घंटों के भीतर एक्शन टेकिन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।
BLOs की बिगड़ती सेहत, तीन कर्मचारी अस्पताल में भर्ती
लगातार बढ़ते कार्यभार और तनाव के बीच कई BLOs की तबीयत खराब हो रही है।
गुरुवार को तीन BLOs को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया:
- नमखाना, दक्षिण 24 परगना
- एक BDO को गंभीर बीमारी के चलते MP अभिषेक बनर्जी की पहल पर PG अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- बंगांव, उत्तर 24 परगना
- 57 वर्षीय BLO सुशांत सिकदार को हार्ट अटैक आया।
- परिवार का दावा है कि अत्यधिक तनाव के कारण उनकी स्थिति बिगड़ी।
- पहले बंगांव अस्पताल में भर्ती, फिर हालत बिगड़ने पर कल्याणी रेफर किया गया।
- महेशतला, दक्षिण 24 परगना
- BLO फरीदा खातून ने 812 फॉर्म वितरित किए और 450 वापस भी लिए, लेकिन बीमारी के कारण शेष नहीं ले पाईं।
- आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
डिजिटाइजेशन के अधूरे काम के लिए भी उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा।
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निष्कर्ष
SIR process से जुड़े प्रशासनिक दबाव, तकनीकी कमियां, BLOs की बिगड़ती सेहत और 26 लाख वोटरों के गायब होने का मुद्दा अब पश्चिम बंगाल में बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद का रूप ले रहा है। आने वाले दिनों में आयोग इस स्थिति को कैसे संभालता है, यह राज्य की चुनावी कवायद के लिए निर्णायक होगा।