हुब्बल-धारवाड़ में नई पहल: HDMC ने शुरू किया वाटरलेस यूरिनल का पहला चरण, हर माह बचेगा 18,000 लीटर पानी

शहर में जल संकट के बीच स्मार्ट समाधान — सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए बिना पानी वाले यूरिनल

हुब्बल-धारवाड़ नगर निगम (HDMC) ने शहर में बढ़ते जल संकट और स्वच्छता की चुनौतियों से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की शुरुआत की है। निगम ने अपने पहले चरण में वॉटरलेस यूरिनल सिस्टम को शहर के कई प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित किया है। यह मॉडल बिना पानी के फ्लशिंग के काम करता है और इससे हर महीने 15,000–18,000 लीटर पानी की बचत होने का अनुमान है।

पहला चरण पूरा: इन 5 स्थानों पर लगाए गए वाटरलेस यूरिनल

HDMC ने पहली खेप में निम्नलिखित जगहों पर वाटरलेस यूरिनल लगाए हैं—

  • HDMC मुख्य कार्यालय (हुब्बल और धारवाड़ दोनों)
  • स्मार्ट सिटी ऑफिस
  • चितरगुप्पी अस्पताल परिसर
  • इंदिरा ग्लास हाउस गार्डन

इन सभी जगहों पर प्रतिदिन भारी संख्या में लोग आते हैं, ऐसे में पानी की बचत और स्वच्छता दोनों के लिए यह मॉडल बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

कैसे काम करता है यह सिस्टम? बदबू रोकने वाला सीलेंट, ज़ीरो फ्लश तकनीक

वाटरलेस यूरिनल में न फ्लश की जरूरत होती है और न पाइपलाइन से लगातार पानी की।

  • इसमें एक स्पेशल सीलेंट लिक्विड होता है
  • यह बदबू को ऊपर आने से रोकता है
  • पानी का उपयोग पूरी तरह खत्म हो जाता है
  • सीलेंट को हर 3–6 महीने में बदलना पड़ता है

HDMC इंजीनियरों के अनुसार, पारंपरिक यूरिनल में पानी की बड़ी मात्रा बर्बाद होती है, जिस पर यह नया मॉडल पूरी तरह रोक लगा सकता है।

कम लागत, ज्यादा फायदा — प्रति यूनिट सिर्फ ₹6,900 खर्च

इस परियोजना को Bank of Baroda के CSR फंड के तहत लागू किया गया है।
सिस्टम को एक निजी फर्म ने इंस्टॉल किया है, और प्रति यूरिनल मात्र ₹6,900 खर्च आया है, जो इसे लंबे समय में एक किफायती समाधान बनाता है।

अगला चरण: 46 स्थलों पर विस्तार और 15 ई-टॉयलेट को मॉडर्नाइज किया जाएगा

HDMC अब इस परियोजना को बड़े पैमाने पर विस्तार देने जा रहा है।
आगामी योजना में शामिल हैं—

  • शहर के 46 सार्वजनिक स्थलों पर नए वाटरलेस यूरिनल
  • 15 पुराने e-toilets को इसी मॉडल में बदला जाएगा
  • खराब e-toilets की रखरखाव समस्या का समाधान

नगर निगम का मानना है कि यह पहल शहर को स्वच्छ और पानी बचाने वाले शहरों की श्रेणी में लाएगी।

क्यों जरूरी है यह पहल?—शहर के लिए बड़ा फायदा

  • पानी की भारी बचत
  • कम बदबू, बेहतर स्वच्छता
  • कम रखरखाव, कम खर्च
  • सार्वजनिक उपयोग में आसानी
  • स्मार्ट सिटी मिशन को बढ़ावा

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह मॉडल सफल रहा, तो यह अन्य शहरों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बन सकता है।

निष्कर्ष: हुब्बल-धारवाड़ का कदम भविष्य की जल प्रबंधन रणनीति की ओर

HDMC की यह पहल न केवल जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि शहरी स्वच्छता मानकों को सुधारने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। आने वाले महीनों में इसके परिणाम शहर की जल उपयोग स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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