ईशान खट्टर, जान्हवी कपूर और विशाल जेठवा की फिल्म वैश्विक मंच पर चमकी
मुंबई: भारतीय सिनेमा के लिए गर्व का क्षण है। निर्देशक नीरज घायवान की फिल्म ‘Homebound’ को 2026 के ऑस्कर अवॉर्ड्स की बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी की शॉर्टलिस्ट में शामिल किया गया है। इस उपलब्धि के साथ ही यह फिल्म दुनिया भर की चुनिंदा फिल्मों की सूची में आ गई है और अब इसका मुकाबला अंतिम नामांकन के लिए होगा।

ऑस्कर शॉर्टलिस्ट में पहुंचना क्यों है बड़ी उपलब्धि
अंतिम नामांकन की राह हुई आसान
ऑस्कर की शॉर्टलिस्ट में जगह बनाना अपने-आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इस चरण में पहुंचने के बाद फिल्म टॉप 5 फाइनल नॉमिनेशन की दौड़ में शामिल हो जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘Homebound’ का चयन इस बात का संकेत है कि फिल्म की कहानी, निर्देशन और अभिनय ने अंतरराष्ट्रीय जूरी को प्रभावित किया है।
कहानी जो सीमाओं से परे जाती है
दो दोस्तों की संघर्ष और उम्मीद से भरी यात्रा
‘Homebound’ की कहानी उत्तर भारत की पृष्ठभूमि में दो बचपन के दोस्तों के जीवन संघर्ष को दर्शाती है। फिल्म सामाजिक असमानता, पहचान और इंसानी रिश्तों जैसे विषयों को बेहद संवेदनशील तरीके से पेश करती है।
यही वजह है कि यह फिल्म सिर्फ भारतीय दर्शकों तक सीमित न रहकर वैश्विक दर्शकों से भी जुड़ पाई है।
दमदार निर्देशन और मजबूत टीम
नीरज घायवान की सधी हुई कहानी कहने की शैली
फिल्म का निर्देशन नीरज घायवान ने किया है, जो इससे पहले ‘मसान’ जैसी समीक्षकों द्वारा सराही गई फिल्म बना चुके हैं।
‘Homebound’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देने में इसके निर्माण से जुड़ी टीम का भी बड़ा योगदान रहा है। फिल्म को प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में मिली सराहना ने इसकी ऑस्कर यात्रा को मजबूत आधार दिया।
कलाकारों के अभिनय की हो रही तारीफ
ईशान, जान्हवी और विशाल की परफॉर्मेंस बनी ताकत
फिल्म में:
- ईशान खट्टर
- जान्हवी कपूर
- विशाल जेठवा
ने अहम भूमिकाएँ निभाई हैं। समीक्षकों का मानना है कि तीनों कलाकारों का संयमित और यथार्थवादी अभिनय फिल्म की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है।
विशेष रूप से विशाल जेठवा की परफॉर्मेंस को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से भी सराहना मिली है।
करण जौहर की प्रतिक्रिया
‘यह भारतीय सिनेमा के लिए गर्व का पल’
फिल्म के निर्माता करण जौहर ने ‘Homebound’ की ऑस्कर शॉर्टलिस्टिंग पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह उपलब्धि पूरी टीम की मेहनत और भारतीय कहानियों की वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी फिल्में भारतीय सिनेमा की साख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत करती हैं।
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भारतीय सिनेमा के लिए क्या मायने रखती है यह सफलता
नई पीढ़ी की कहानियों को मिला वैश्विक मंच
फिल्म समीक्षकों का मानना है कि ‘Homebound’ की सफलता यह दिखाती है कि:
- कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ रही है
- नई पीढ़ी के फिल्ममेकर वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
- भारतीय सिनेमा अब केवल गीत-संगीत तक सीमित नहीं, बल्कि गहरी सामाजिक कहानियों के लिए भी पहचाना जा रहा है
आगे की राह
अब नजरें अंतिम नामांकन पर
अब सभी की निगाहें ऑस्कर 2026 के अंतिम नामांकन पर टिकी हैं। अगर ‘Homebound’ फाइनल लिस्ट में जगह बनाती है, तो यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ देगी।
निष्कर्ष
‘Homebound’ का ऑस्कर 2026 की शॉर्टलिस्ट में पहुंचना सिर्फ एक फिल्म की सफलता नहीं है, बल्कि यह भारतीय सिनेमा की रचनात्मक क्षमता और वैश्विक स्वीकार्यता का प्रमाण है। आने वाले समय में यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज को और मजबूत कर सकती है।
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