Gulshan Devaiah बोले NDTV से: “साउथ सिनेमा असली है, बॉलीवुड बस पैकिंग करता है”

Gulshan Devaiah

Gulshan Devaiah बोले – “हिंदी फिल्मों में पैकेजिंग ज्यादा, कास्टिंग कम होती है”

नई दिल्ली:
फिल्म ‘कांतारा चैप्टर 1’ में राजा कुलशेखर का दमदार किरदार निभाकर सुर्खियों में आए अभिनेता Gulshan Devaiah ने NDTV से बातचीत में साउथ बनाम बॉलीवुड बहस पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई फिल्में केवल “पैकेज” की जाती हैं, जबकि साउथ सिनेमा में किरदार के हिसाब से कास्टिंग की जाती है, और यही सबसे बड़ा अंतर है।

Gulshan Devaiah ने कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर फिल्में पैकेज की जाती हैं। कलाकारों को उनकी योग्यता या किरदार की जरूरत के हिसाब से नहीं चुना जाता। इससे फिल्मों की असलियत पर असर पड़ता है।”

उन्होंने बताया कि ‘कांतारा चैप्टर 1’ में निर्देशक रिषभ शेट्टी ने फिल्म को पैकेज नहीं किया, बल्कि हर किरदार को सही कलाकार के हिसाब से चुना। “रिषभ ने फिल्म को पैकेज नहीं किया, बल्कि कास्ट किया। यही वजह है कि फिल्म इतनी असरदार बनी,” Gulshan Devaiah ने कहा।

NDTV से बातचीत के दौरान Gulshan Devaiah ने यह भी जोड़ा कि बॉलीवुड में कई प्रोजेक्ट स्टार प्रोफाइल के हिसाब से बनाए जाते हैं, न कि किरदार की जरूरत के अनुसार। “कभी-कभी किसी फिल्म का आइडिया अच्छा होता है, लेकिन टीम सोचती है कि इसमें बड़े नाम जोड़ो ताकि मार्केटिंग आसान हो जाए। मगर सवाल यह है कि क्या वही अभिनेता उस किरदार के लिए सही हैं?” उन्होंने कहा।

Gulshan Devaiah

Gulshan Devaiah ने अपने शुरुआती करियर का उदाहरण देते हुए बताया, “फोर्स (2011) के लिए मुझे ऑडिशन दिया गया था। मैंने कहा, मैं उस किरदार के लिए ऑडिशन नहीं दूंगा, बल्कि मैं विलेन की भूमिका के लिए देना चाहता हूं। मैंने बहुत अच्छा ऑडिशन दिया, लेकिन वह रोल मुझे नहीं मिला क्योंकि उस किरदार के लिए एक खास शारीरिक क्षमता और ऊर्जा चाहिए थी, जो सिर्फ विद्युत जामवाल में थी। वही रोल उनके लिए सही था, मेरे लिए नहीं — यही असली कास्टिंग है।”

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि ‘कांतारा चैप्टर 1’ जैसी फिल्में सफल होती हैं। “जब किरदार फिट होता है, तभी कहानी हिट होती है,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

रिषभ शेट्टी की ‘कांतारा चैप्टर 1’ ने भारत में ही ₹450 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है, और यह इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्मों में शामिल है। वहीं, डेटा एनालिटिक्स फर्म Ormax के अनुसार, 2024 में रीजनल फिल्मों (तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम) का मार्केट शेयर लगातार बढ़ा है, जबकि हिंदी फिल्मों की कमाई में 37% की गिरावट दर्ज की गई।

बॉलीवुड के लिए यह एक संकेत है कि दर्शक अब केवल स्टारडम नहीं, बल्कि सच्ची कहानियों और असली कास्टिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

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